हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्शन से बचने के 9 आसान तरीके

हेल्थ इंश्योरेंस का मकसद मेडिकल खर्चों से बचाव करना होता है, लेकिन कई बार क्लेम रिजेक्ट (Claim Rejection) हो जाता है। इससे मरीज और उसके परिवार को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है।

अगर आप चाहते हैं कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम बिना किसी परेशानी के अप्रूव हो, तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्शन के कारण क्या हैं और इससे बचने के लिए आपको किन सावधानियों का पालन करना चाहिए


1. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें

कई लोग हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के बाद उसकी शर्तों और नियमों को ठीक से नहीं पढ़ते। यही गलती बाद में क्लेम रिजेक्शन का कारण बनती है।

पॉलिसी में कवर की गई बीमारियों और मेडिकल प्रक्रियाओं को ध्यान से समझें।
✔ कौन-कौन सी बीमारियां और ट्रीटमेंट कवर नहीं हैं (Exclusions), इसे अच्छे से जानें।
✔ प्री-एग्जिस्टिंग डिजीज (पहले से मौजूद बीमारियां) के लिए वेटिंग पीरियड का ध्यान रखें।

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2. सही और पूरी जानकारी दें

✔ जब आप हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, तो कंपनी आपकी मेडिकल हिस्ट्री पूछती है
✔ अगर आप कोई बीमारी या मेडिकल कंडीशन छिपाते हैं, तो बाद में आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
✔ हमेशा अपनी सही उम्र, मेडिकल कंडीशन, लाइफस्टाइल (धूम्रपान/शराब की आदत) और फैमिली हेल्थ हिस्ट्री को स्पष्ट रूप से बताएं।

गलत या अधूरी जानकारी देने से इंश्योरेंस कंपनी क्लेम को फ्रॉड मान सकती है और रिजेक्ट कर सकती है।


3. पॉलिसी के वेटिंग पीरियड को समझें

✔ हेल्थ इंश्योरेंस में वेटिंग पीरियड (Waiting Period) का नियम होता है, जो 30 दिन से 4 साल तक का हो सकता है।
✔ अगर आप वेटिंग पीरियड के दौरान क्लेम करते हैं, तो वह रिजेक्ट हो सकता है।

उदाहरण:

  • अगर किसी पॉलिसी में 2 साल का वेटिंग पीरियड है और आपको पहले से डायबिटीज है, तो आप 2 साल बाद ही उसका क्लेम ले सकते हैं।

4. जरूरी डॉक्यूमेंट सही तरीके से जमा करें

✔ हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के लिए सही डॉक्यूमेंट्स (Documents) बहुत जरूरी होते हैं।
✔ अगर डॉक्यूमेंट अधूरे या गलत होंगे, तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है

जरूरी डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट:

✅ हॉस्पिटल के बिल और मेडिकल रिपोर्ट
✅ डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन और इलाज का विवरण
✅ इंश्योरेंस पॉलिसी की कॉपी
✅ अस्पताल से डिस्चार्ज समरी
✅ दवाइयों और टेस्ट की रसीदें

टिप: अगर आप कैशलेस क्लेम कर रहे हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी के पैनल में शामिल अस्पताल में ही इलाज करवाएं।


5. समय पर क्लेम फाइल करें

✔ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के पास क्लेम फाइल करने की एक समय सीमा (Time Limit) होती है
✔ अगर आप बहुत देर से क्लेम फाइल करते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी उसे रिजेक्ट कर सकती है।

क्लेम फाइल करने की समय सीमा:

  • कैशलेस क्लेम: इलाज के दौरान ही इंश्योरेंस कंपनी को जानकारी दें।
  • रिइम्बर्समेंट क्लेम: डिस्चार्ज के बाद 7 से 15 दिनों के अंदर क्लेम फाइल करें।

6. नॉन-पेबल आइटम्स का ध्यान रखें

✔ कुछ मेडिकल खर्चों को हेल्थ इंश्योरेंस कवर नहीं करता, इन्हें नॉन-पेबल आइटम्स (Non-Payable Items) कहा जाता है।
✔ अगर आप इनका क्लेम करते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी इसे रिजेक्ट कर सकती है।

उदाहरण:

❌ हॉस्पिटल में खाना
❌ बेड चार्ज से जुड़ी कुछ एक्स्ट्रा फीस
❌ ग्लव्स, मास्क और अन्य डिस्पोजेबल आइटम्स

टिप: अपने इंश्योरेंस पॉलिसी में इन नॉन-पेबल आइटम्स की लिस्ट को चेक करें।


7. नेटवर्क हॉस्पिटल में ही इलाज कराएं

✔ अगर आप कैशलेस क्लेम चाहते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी के नेटवर्क हॉस्पिटल (Network Hospital) में ही इलाज करवाएं।
✔ अगर आप किसी अन्य हॉस्पिटल में इलाज कराते हैं, तो आपको पहले खर्च करना पड़ेगा और फिर रिइम्बर्समेंट क्लेम करना होगा

टिप: इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर नेटवर्क हॉस्पिटल की लिस्ट चेक करें।

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8. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का समय पर नवीनीकरण (Renewal) करें

✔ अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस को समय पर रिन्यू (Renew) नहीं करते, तो पॉलिसी लैप्स हो सकती है।
✔ लैप्स होने के बाद अगर आपको कोई मेडिकल इमरजेंसी आती है, तो क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा।

टिप: इंश्योरेंस पॉलिसी की रिन्यूअल डेट को पहले से सेट करें और समय पर भुगतान करें


9. कॉ-पेमेंट और डिडक्टिबल को समझें

✔ कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कॉ-पेमेंट (Co-payment) और डिडक्टिबल (Deductible) का नियम होता है।
✔ इसका मतलब है कि कुछ खर्च आपको खुद वहन करने होंगे
✔ अगर आप यह नियम नहीं समझते और पूरा क्लेम करते हैं, तो आपका क्लेम आंशिक रूप से रिजेक्ट हो सकता है।

उदाहरण:

अगर पॉलिसी में 10% कॉ-पेमेंट है और आपका अस्पताल का बिल ₹1,00,000 है, तो आपको ₹10,000 खुद भरना होगा और इंश्योरेंस कंपनी ₹90,000 देगी।


निष्कर्ष

✔ हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्शन से बचने के लिए पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें और सभी नियमों को समझें
सही और पूरी जानकारी दें, ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।
सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स समय पर और सही तरीके से जमा करें
नेटवर्क हॉस्पिटल में इलाज कराएं और समय पर क्लेम फाइल करें
✔ अपनी पॉलिसी को समय पर रिन्यू करें और कॉ-पेमेंट नियमों का ध्यान रखें।

अगर आप इन जरूरी बातों का ध्यान रखेंगे, तो आपका हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम आसानी से अप्रूव हो जाएगा और आपको मेडिकल खर्चों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।