बजट 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति!
2025 का बजट पेश हो चुका है और इस बार भी सरकार ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जो जनता का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहे। हालांकि, इस बजट में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों को नज़रअंदाज किया गया है, जिन पर चर्चा होना ज़रूरी था।
विकसित भारत, 5 ट्रिलियन या 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, महंगाई और बेरोजगारी जैसे विषयों को इस बार के बजट में उतनी तवज्जो नहीं दी गई। इसके बजाय, 12 लाख तक की आय पर टैक्स फ्री करने जैसे निर्णयों के जरिए जनता को राहत देने की कोशिश की गई।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि बजट 2025 में क्या छुपाया गया है, किन सेक्टर्स की अनदेखी हुई है, और कैसे यह बजट चुनावों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
बजट 2025 के अनदेखे पहलू: क्या नहीं बताया गया?
इस बार के बजट में कई अहम मुद्दों की चर्चा नहीं की गई, जैसे:
5 ट्रिलियन या 10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का ज़िक्र नहीं!
पिछले कुछ वर्षों से सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना दिखा रही थी, लेकिन इस बार इस लक्ष्य का कोई ज़िक्र नहीं किया गया। यह सवाल उठाता है कि क्या सरकार अब इस दिशा में प्रयास नहीं कर रही है, या फिर यह केवल एक चुनावी वादा था?
इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान नहीं!
भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का विकास बेहद ज़रूरी है, लेकिन इस बार इनके लिए कोई ठोस योजनाएँ पेश नहीं की गईं।
महंगाई और बेरोज़गारी से राहत के उपायों का अभाव!
देश की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक महंगाई और बेरोज़गारी है, लेकिन बजट में इन मुद्दों पर ठोस समाधान नहीं दिया गया। मिडिल क्लास और युवाओं के लिए कोई बड़ी राहत नहीं दी गई।
बजट 2025 के लोकप्रिय निर्णय: किन फैसलों ने जनता का ध्यान खींचा?
हालांकि बजट में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को नजरअंदाज किया गया, लेकिन कुछ ऐसे फैसले लिए गए जो आम जनता को आकर्षित कर सकते हैं।
65 करोड़ टैक्सपेयर्स को राहत – लेकिन क्यों?
बजट 2025 में 65 करोड़ टैक्सपेयर्स को राहत देने का ऐलान किया गया, जिससे 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं देना होगा। यह निर्णय जनता को खुश करने के लिए लिया गया, लेकिन क्या यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा?
दवाओं और इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैक्स छूट!
- 36 कैंसर दवाओं और 6 जीवन रक्षक दवाओं को टैक्स फ्री कर दिया गया।
- एलसीडी, एलईडी टीवी, मोबाइल और इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों में कमी की गई।
ये कदम सीधे जनता की जरूरतों से जुड़े हुए हैं और लोगों को राहत देने के लिए उठाए गए हैं।
किसानों और बिहार के लिए विशेष घोषणाएँ!
- किसानों के लिए फसल बीमा योजना को आगे बढ़ाने की बात कही गई, लेकिन इसके असल लाभ पर सवाल उठ रहे हैं।
- बिहार के लिए इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड और सिंचाई योजनाओं की घोषणा की गई।
- प्रधानमंत्री पैकेज के तहत बिहार को 1.1 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया।
यह घोषणाएँ बिहार के आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर की गई हैं ताकि वहां की जनता को प्रभावित किया जा सके।
क्या यह सिर्फ चुनावी बजट है?
आंकड़ों की बात करें तो पिछले 10 वर्षों में बजट की उम्र सिर्फ 48 घंटे ही रही है, क्योंकि इसके बाद यह सिर्फ एक चुनावी इवेंट बनकर रह जाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ।
7800 करोड़ की योजनाएँ और चुनावी वादे!
प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न राज्यों में कुल 7800 करोड़ रुपये की योजनाओं का ऐलान किया, जिससे उनकी लोकप्रियता को बढ़ाया जा सके।
टैक्सपेयर्स के लिए राहत, लेकिन क्या यह पर्याप्त है?
- फेसलेस टैक्स कलेक्शन के कारण दलालों की संख्या में वृद्धि हुई है।
- डिजिटल इकोनॉमी में 45-46 लाख करोड़ रुपये की राशि लिटिगेशन में फंसी हुई है।
- दिल्ली में टैक्स नोटिसेज़ की संख्या सबसे अधिक है, जिससे मिडिल क्लास पर सीधा असर पड़ा है।
मिडिल क्लास और गरीबों के लिए क्या है?
बजट में सबसे ज़्यादा असर मिडिल क्लास और गरीबों पर पड़ा है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास में कटौती!
सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के लिए बजट में कमी कर दी, जो कि एक चिंताजनक संकेत है।
करोड़पतियों की संख्या बढ़ी, लेकिन गरीबों की संख्या घटी!
- पिछले 10 वर्षों में करोड़पतियों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन
- छोटे आय वर्ग के लोगों की संख्या में गिरावट आई है।
यह दर्शाता है कि अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ रही है।
निष्कर्ष: क्या यह बजट जनता के लिए है या चुनावी रणनीति?
बजट 2025 में कई बड़े फैसले लिए गए, लेकिन इनमें से कई फैसले चुनावी फायदे को ध्यान में रखकर लिए गए।
✔️ 12 लाख तक की आय पर टैक्स फ्री करना – यह एक लोकलुभावन फैसला है, जिससे मिडिल क्लास खुश हो जाए।
✔️ किसानों के लिए योजनाओं का ऐलान – बिहार चुनावों को देखते हुए किया गया है।
❌ महंगाई, बेरोजगारी और इंफ्रास्ट्रक्चर – इन पर कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई।
❌ शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास में कटौती – इससे गरीब और मिडिल क्लास पर असर पड़ेगा।
👉 बजट 2025 असल में एक चुनावी बजट है, जिसमें जनता को लुभाने की पूरी कोशिश की गई है। अब देखना यह होगा कि क्या यह फैसले असल में ज़मीन पर उतरेंगे या फिर यह सिर्फ जनता का ध्यान आकर्षित करने की रणनीति बनकर रह जाएंगे!