2025 में भारत के नए टैक्स नियम

2025 में भारत के नए टैक्स नियम भारत सरकार द्वारा टैक्स सिस्टम को अधिक सरल और करदाताओं के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से लाए गए महत्वपूर्ण बदलावों पर आधारित हैं। ये नियम मध्यम वर्ग, व्यवसायों और निवेशकों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं:


1. प्रत्यक्ष कर संहिता 2025 (Direct Tax Code 2025):

सरकार ने आयकर अधिनियम 1961 को बदलकर प्रत्यक्ष कर संहिता लागू की है। इसके तहत:

  • आय की नई परिभाषा:
    • केवल ‘निवासी’ और ‘गैर-निवासी’ के वर्गीकरण से कर प्रक्रिया सरल होगी।
    • पूंजीगत लाभ को नियमित आय माना जाएगा, जिससे कर की गणना आसान होगी।
  • छूट और कटौतियों में कमी:
    • पुरानी छूटों (जैसे धारा 80C, 80D) को सीमित किया गया है।
    • सरल आयकर रिटर्न प्रक्रिया लागू की गई है।
  • कॉर्पोरेट टैक्स दर:
    • घरेलू और विदेशी कंपनियों के लिए एकसमान टैक्स दर।

2. नया आयकर स्लैब (2025):

2025 के बजट में आयकर स्लैब को संशोधित किया गया है। अब मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।

  • 0-10 लाख रुपये: कोई टैक्स नहीं।
  • 10-15 लाख रुपये: 10%।
  • 15-20 लाख रुपये: 25%।
  • 20 लाख रुपये से ऊपर: 30%।

3. वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती में वृद्धि:

  • पहले की ₹50,000 की मानक कटौती अब ₹75,000 कर दी गई है।

4. टीडीएस (TDS) और टीसीएस (TCS) में बदलाव:

  • डिजिटल लेन-देन पर अब 5% तक का टीडीएस।
  • अंतरराष्ट्रीय लेन-देन और क्रिप्टोकरेंसी पर टीसीएस लागू।

5. निवेश और बचत पर टैक्स नियम:

  • ईएलएसएस फंड: कर छूट की सीमा अब ₹1.5 लाख से बढ़कर ₹2 लाख हो गई।
  • डिविडेंड इनकम: ₹10,000 से ऊपर के डिविडेंड पर 10% का टीडीएस।

6. कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव:

  • लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन: 15% पर फिक्स किया गया है।
  • शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन: स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा।

7. स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसायों को छूट:

  • ₹5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले स्टार्टअप्स को पहले 3 वर्षों के लिए 100% टैक्स छूट।
  • MSMEs के लिए कॉर्पोरेट टैक्स 20% से घटाकर 15%।

8. डिजिटल टैक्स:

  • डिजिटल सेवाओं और ई-कॉमर्स से कमाई पर 2% डिजिटल टैक्स।

9. रिटायरमेंट और पेंशन प्लान:

  • राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में निवेश पर कर लाभ की सीमा ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹2.5 लाख कर दी गई।

10. अन्य महत्वपूर्ण बदलाव:

  • रियल एस्टेट टैक्सेशन: किराए से होने वाली आय पर 20% की फ्लैट दर।
  • क्रिप्टोकरेंसी टैक्स: सभी प्रकार के लेन-देन पर 30% टैक्स।

निष्कर्ष:

2025 के ये नए टैक्स नियम भारत में कर प्रणाली को पारदर्शी और आधुनिक बनाने के लिए बनाए गए हैं। मध्यम वर्ग, स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसायों को इनमें अधिक लाभ मिलेगा। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने टैक्स प्लानिंग को इन बदलावों के अनुसार अपडेट करें।

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